Anil Ambani :लोन फ्रॉड केस में पहली बड़ी कार्रवाई, ED ने कंपनी MD को किया अरेस्ट

मुंबई 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी समूहों के लिए 'फर्जी' बैंक गारंटी जारी करने वाले गिरोह के संचालन के आरोप में ओडिशा की एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह द्वारा रिलायंस समूह की एक कंपनी के लिए कथित रूप से 68 करोड़ रुपये की गारंटी भी प्रदान की गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। संघीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को धन शोधन के इस मामले में भुवनेश्वर स्थित ‘बिस्वाल ट्रेडलिंक’ कंपनी के खिलाफ छापेमारी शुरू की थी।

क्या है डिटेल

सूत्रों ने बताया कि ‘बिस्वाल ट्रेडलिंक’ के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुक्रवार को भुवनेश्वर से हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने उसे छह अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज किया गया मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है।

शुक्रवार को हुई थी तलाशी

ईडी ने शुक्रवार को कंपनी के भुवनेश्वर स्थित तीन परिसरों और कोलकाता स्थित एक ‘‘सहयोगी’’ कंपनियों की तलाशी ली थी। एजेंसी के सूत्रों ने आरोप लगाया कि यह कंपनी आठ प्रतिशत कमीशन लेकर ‘‘फर्जी’’ बैंक गारंटी जारी करने का काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि ‘रिलायंस पावर’ की सहायक कंपनी ‘रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड’ की ओर से सोलर ‘एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एसईसीसआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी ‘‘फर्जी’’ पाई गई। कंपनी का नाम पहले ‘महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड’ था।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने हाल में मुंबई में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस समूह की कंपनियों के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान इस लेनदेन से संबंधित कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। रिलायंस समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि रिलायंस पावर इस मामले में ‘‘धोखाधड़ी और जालसाजी की साजिश का शिकार’’ रही है और उसने सात नवंबर 2024 को विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज में इस संबंध में उचित सूचनाएं दी थीं। प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने अक्टूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में तीसरे पक्ष (आरोपी कंपनी) के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी और कानून की ‘‘उचित प्रक्रिया’’ का पालन किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि कई कंपनियों के साथ इसी तरह के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का पता चला है और इसकी जांच की जा रही है। आरोप है कि कंपनी के कई ऐसे बैंक खाते थे जिन्हें उसने अघोषित रखा और इन खातों से उसकी घोषित आमदनी के मुकाबले कहीं ज्यादा लेनदेन किए जा रहे हैं। एजेंसी को कंपनी के करीब सात ‘‘अघोषित’’ बैंक खातों का पता चला है। पता चला है कि ओडिशा स्थित कंपनी मूल ईमेल डोमेन की जगह दूसरे ईमेल डोमेन का उपयोग कर रही थी ताकि यह दिखावा किया जा सके कि यह संदेश देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा भेजा जा रहा है।

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