मुसलमानों की मॉबलिंचिंग और उत्पीड़न पर कांग्रेस की चुप्पी शर्मनाक: AIMIM महानगर अध्यक्ष वकी रशीद का बयान
मुरादाबाद से रिपोर्ट | विशेष संवाददाता
मुरादाबाद के एआईएमआईएम (AIMIM) के महानगर अध्यक्ष वकी रशीद ने एक तीखा बयान जारी करते हुए कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस मुसलमानों से वोट तो लेती है, लेकिन उनके दुख-दर्द और उत्पीड़न पर मौन साध लेती है। उन्होंने इसे न केवल राजनीतिक धोखा बताया बल्कि एक “ठगबंधन” करार दिया।
📌 वकी रशीद का आरोप: कांग्रेस मुसलमानों से दूर
वकी रशीद ने कहा,
> “चाहे वह 1980 के दशक के दंगे हों, बाबरी मस्जिद विध्वंस का दौर हो या हालिया वर्षों में बढ़ती मॉबलिंचिंग की घटनाएं – कांग्रेस ने मुसलमानों के हक की बात नहीं की।”
“आज भी जब मुसलमानों को फर्जी केसों में फंसाया जा रहा है, उन्हें जान से मारा जा रहा है, तब भी कांग्रेस चुप है।”
❗ घटनाएं जो कांग्रेस की ‘मौन राजनीति’ को उजागर करती हैं:
▶️ शाहेदीन की मोब लिंचिंग:
मुरादाबाद की मंडी समिति में भीड़ ने शाहेदीन नामक मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी, लेकिन कांग्रेस का एक भी नेता पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गया।
> “ये वही मंडी समिति है जहाँ चेतन सैनी की आत्महत्या के बाद कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय मिलने पहुंचे थे,” वकी रशीद ने कहा।
▶️ मॉबलिंचिंग की बढ़ती घटनाएं:
देशभर में अखलाक, तबरेज अंसारी, जुनैद, पहलू खान जैसे नाम आज भी मुस्लिम समुदाय की नसों में डर पैदा करते हैं।
इन मामलों में अब तक न्याय नहीं मिला, उल्टा कई मामलों में पीड़ित परिवारों पर दबाव और मुकदमे दर्ज हुए।
▶️ फर्जी आतंकवाद के केस:
2006 मालेगांव, बाटला हाउस एनकाउंटर, और ATS द्वारा मुसलमानों की फर्जी गिरफ्तारी के मामलों में कांग्रेस सरकार की भूमिका पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं।
▶️ दंगे और खामोशी:
गोधरा से पहले और बाद के दंगों में भी कांग्रेस की भूमिका और निष्क्रियता की आलोचना हुई थी।
मुजफ्फरनगर दंगे, दिल्ली दंगे, खरगोन और मंदसौर जैसे क्षेत्रों में भी मुसलमानों को खासतौर पर निशाना बनाया गया, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से कोई ठोस राजनीतिक या न्यायिक पहल नहीं हुई।
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🔴 “कांग्रेस-सपा गठबंधन महज ठगबंधन”
वकी रशीद ने कहा कि
> “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन महज एक चुनावी ठगबंधन है। दोनों ने मिलकर मुसलमानों को ठगा है। न नौकरी, न शिक्षा, न सुरक्षा – कुछ नहीं दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि AIMIM ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मुसलमानों के हक और न्याय की बात खुलकर करती है।
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📣 AIMIM का संदेश: ‘अब हम सिर्फ वोट बैंक नहीं, फैसला करने वाले हैं’
वकी रशीद ने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वे अब ‘वोट बैंक’ बनना बंद करें और अपने प्रतिनिधित्व, सम्मान और सुरक्षा के लिए उन दलों को समर्थन दें जो उनके साथ “सिर्फ चुनावी मौसम में नहीं, बल्कि हर संकट में खड़े हों।”
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🟡 निष्कर्ष:
यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनावी माहौल में कई पार्टियां मुस्लिम मतों को साधने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन AIMIM जैसे दल अब खुलकर यह सवाल उठा रहे हैं कि मुसलमानों की जान, माल, इज्जत और न्याय पर कब बात होगी?
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रिपोर्ट – 4thPiller.com के लिए विशेष न्यूज़ डेस्क