अति-वृष्टि एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी : मंत्री विजयवर्गीय

अति-वृष्टि एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी : मंत्री विजयवर्गीय

3 हजार 628 व्यक्तियों और 94 मवेशियों का रेस्क्यू किया गया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव राहत कार्यों की कर रहे हैं लगातार समीक्षा

भोपाल 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी है कि प्रदेश में अति-वृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रभावित क्षेत्रों में चलाये जा रहे राहत कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में अभी तक औसत 703.33 मि.मी वर्षा हो चुकी है जो सामान्य से 60 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बारिश बहुत ही कम समय में तेजी से हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य संबंधी सभी जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधिकारियों और राहत कार्य से जुड़े संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव से जुड़े कार्यों में ढ़िलाई न बरती जाये।

एनडीआरएफ क्विक रिस्पांस टीम आदि की तैनाती

नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन.डी.आर.एफ) की 5 टीमों में से भोपाल में 2, जबलपुर, ग्वालियर तथा धार में एक-एक टीम तैनात की गई है। इन टीमों के अलावा 3 टीमों को अशोकनगर, श्योपुर तथा ग्वालियर में तैनात किया गया है। एन.डी.आर.एफ द्वारा 2 रेस्क्यू ऑपरेशन में 22 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एस.डी.इ.आर.एफ) को बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य के लिये अत्याधुनिक बचाव उपकरण उपलब्ध कराये गये है। प्रदेश के 259 संवेदनशील क्षेत्रों में डिजास्टर रिस्पाँस सेंटर स्थापित किया गया है। इसी के साथ 111 क्विक रिस्पाँस टीम (क्यूआरटी) तैनात की गई है। प्रदेश के 11 जिलों में 3 हजार 300 आपदा मित्र वॉलंटियर्स को प्राथमिक सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया है। राज्य में 80 हजार 375 सिविल डिफेंस वालंटियर को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षित किये गये वालंटियर्स की सेवाएँ राहत और बचाव कार्यों के लिये ली जा सकेंगी। एसडीईआरएफ द्वारा एक जून से 30 जुलाई 2025 तक 432 रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत 3 हजार 628 व्यक्तियों और 94 मवेशियों का रेस्क्यू किया गया है।

आपदा नियंत्रण कक्ष

प्रदेश में राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के माध्यम से अब तक SACHET पोर्टल के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को 75 रेड अलर्ट 3 घंटे पूर्व भेजे गये है। इसी के साथ प्रमुख नदियों के जलस्तर बढ़ने की जानकारी तथा प्रभावित होने वाले जिले तथा गांवों की सूची आपदा सुरक्षा में जुड़े प्रमुख अधिकारियों और एजेंसियों को निश्चित अंतराल पर नियमित रूप से दी जा रही है। प्रदेश में डिजास्टर वॉर्निंग एण्ड रिस्पाँस सिस्टम (डीडब्ल्यूआरएस) के माध्यम से अति-वृष्टि, बाढ़ एवं आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान एवं चेतावनी प्रसारण की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर पर घटना की सूचना तथा राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर समन्वय किया जा रहा हैं।

मंत्रालय से निगरानी और समन्वय

बाढ़ आपदा के दौरान निगरानी एवं समन्वय के लिये राज्य स्तर पर मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में सिचुएशन रूम 24×7 कार्यरत है। एसडीईआरएफ मुख्यालय में स्थित राज्य कन्ट्रोल रूम में टोल फ्री नम्बर 1079 पर जन सामान्य द्वारा बाढ़ की स्थिति में 24×7 सहायता प्राप्त की जाने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के समस्त जिलों में डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर कमांड कंट्रोल एण्ड कोऑर्डिनेशन सेंटर (डीसीसीसी) स्थापित कर आपदा की स्थिति में 24×7 कार्यरत है।

मुख्यमंत्री ने किया कंट्रोल रूम का निरीक्षण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 30 जुलाई को भोपाल के राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण कर स्वयं स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बचाव दलों, पीड़ितों से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर बाढ़ पूर्व तैयारी तथा मानसून के दौरान आकाशीय बिजली से जन-सामान्य के बचाव, सर्पदंश से बचाव के लिये विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां तय करते हुए एडवायजरी जारी की गई है। बाढ़ के दौरान "डूब की घटनाओं, पुलियों, रपटों पर दुर्घटना" के नियंत्रण तथा जन सामान्य के बचाव के लिये समस्त जिला प्राधिकरणों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं। प्रदेश के सभी 55 जिलों में आपदा प्रतिक्रिया दलों के प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन अभ्यास तथा जनजागरूकता के लिए "आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि योजना" नियमित रूप से चल रही है।

अब तक 28 करोड़ 49 लाख राहत राशि का वितरण

प्रदेश में इस मॉनसून में अभी तक अतिवृष्टि और बाढ़ से लगभग 1632 पशु हानि हुई है। प्रदेश में हुई भारी बारिश से 128 मकानों के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। लगभग 2 हजार 333 मकानों में आंशिक हानि भी हुई है। बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों को अब तक जिला कलेक्टर्स द्वारा 28 करोड़ 49 लाख रूपये की राहत राशि वितरित की गई है। सभी जिला कलेक्टर्स द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशि जल्द से जल्द वितरित की जाये। प्रदेश में राहत मद में धनराशि की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में 53 राहत कैम्प चलाये जा रहे है, जिनमें 3065 लोगों को रखा गया है। आरआरडीए की कुल 254 सड़के व पुल अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 212 में अस्थायी सुधार कराया जा चुका है। लोक निर्माण विभाग की क्षतिग्रस्त दो सड़कों की मरम्मत की गयी है। बांधों की सतत निगरानी की जा रही है। बाढ़ से बचाव के लिये आवश्यकतानुसार सेना की मदद ली जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। प्रदेश में दवाईयों, खाद्य सामग्रियों की पूर्ति सुनिश्चित की गयी है। प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

 

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