वैशाली को मिली नई पहचान: 29 जुलाई को बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का होगा लोकार्पण

पटना

बिहार की ऐतिहासिक धरती वैशाली अब वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर एक नई पहचान स्थापित करने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण 29 जुलाई 2025 को किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया भर के लगभग 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और भिक्षु बिहार की इस पावन भूमि पर एकत्र होंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक संदेश में बताया कि उन्होंने स्वयं इस भव्य स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य की लगातार मॉनिटरिंग की ताकि यह निर्माण समय पर, विशिष्ट और पारंपरिक रूप से पूरा हो सके। राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से बने इस स्तूप का निर्माण 72 एकड़ में किया गया है, जो पर्यावरण अनुकूल भी है और पर्यटन के लिहाज से भी अत्यंत आकर्षक।

    यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप, वैशाली का 29 जुलाई 2025 को लोकार्पण होने जा रहा है। इस लोकार्पण समारोह में दुनिया भर के करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु बिहार आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो इस स्थल का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा। यह वही प्रामाणिक अस्थि अवशेष है जो वैशाली के 'मड स्तूप' से प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी यात्रा वृतांत में किया था।

वैशाली का यह नया स्तूप न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह बुद्ध की शिक्षाओं, लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण और सम्यक दृष्टिकोण का भी वैश्विक संदेशवाहक होगा।

नीतीश कुमार ने इसे बिहार के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह परियोजना न केवल पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देगी, बल्कि आने वाले समय में वैशाली को वैश्विक बौद्ध केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

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