कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक

बिलासपुर
कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की बैठक आज आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित तमाम हितग्राही मूलक योजनाओं की समीक्षा कर उनमें और तेज गति से काम करने के निर्देश दिए। व्यापक संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद कई स्वास्थ्य सूचकांकों में जिले के नीचले पायदान में रहने पर कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब बोलने का नहीं बल्कि तेजी काम करने का समय आ गया हैं। किसी तरह की कोताही अथवा हीला-हवाला बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सभी लोग एक निश्चित कार्य-योजना बनाकर निरंतर काम पर अपेक्षित परिणाम दें। 

            कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड के लिए विभाग को प्रतिदिन 5 हजार कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया। अब तक कार्ड निर्माण में शिथिलता पाई गई। पिछले दो माह में केवल 32 हजार कार्ड बनाये गये। जिले में अब तक केवल 74 प्रतिशत लोगों के कार्ड बने हैं। जबकि राज्य का औसत 88.2 प्रतिशत हैं। रैकिंग में राज्य के सभी जिलों में से आखिरी 33 वें नम्बर पर है। आयुष्मान कार्ड से इलाज करने में भी सरकारी अस्पताल पीछे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को भर्ती कर उपचार करने के निर्देश दिए। पीएचसी दगौरी जैसे छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा 42 लाख रूपये का भुगतान दावा किये जाने पर उसकी सराहना की गई।

उनके द्वारा 615 लोगों का इलाज किया गया है। कलेक्टर ने हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनकी सतत् निगरानी करते रहने के निर्देश दिए ताकि किसी भी महिला का प्रसव के दौरान मृत्यु न हो। उन्होंने कहा कि हर गर्भवती माता का पंजीयन होना चाहिए ताकि सभी प्रकार के टीके उन्हें लग सके।

एक भी महिला पंजीयन से छूटना नहीं चाहिए। प्रसव के उपरांत प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना का लाभ भी दिलाया जाए।प्रथम प्रसव में दो किश्तों में 5 हजार और दूसरे प्रसव में लड़की होने पर 6 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। शिशु मृत्यु की रिपोर्टिग में त्रुटि होने पर इसे सुधारने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों में एक भी बेड रिक्त नहीं रहने चाहिए। स्वास्थ्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की भी जिम्मेदारी इसमें बनती है। पिछले 3 माह में 198 कुपोषित बच्चों को इसमें भर्ती कर लाभान्वित किया गया है। 

     कलेक्टर ने एनीमिया मुक्त अभियान के अंतर्गत हाई स्कूल की सभी बच्चियों की जांच करने और दवाईयां देने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षय रोग उपचार के लिए ज्यादा से ज्यादा निक्षय मित्र बनाने को कहा है। फिलहाल 1,624 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है। कलेक्टर ने मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि अब तक जिले में 38 प्रकरण आये हैं। कोटा क्षेत्र में इस बीमारी के केस मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया से एक भी मरीज की मृत्ये न हो इसके लिए सभी उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने मच्छरदानी एवं मास्क्विटो रिपेलेन्ट के लिए प्रस्ताव देने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि चिरायु योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में नियमित रूप से डॉक्टरों की टीम पहुंचे। एक भी बच्चा स्वास्थ्य जांच से वंचित नहीं होना चाहिए।

गंभीर बीमारी की समय पूर्व सूचना मिल जाने पर आगे उनका मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जायेगा। बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ0 शुभा गढ़ेवाल, सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. यशवंत धु्रव, डीपीओ सुरेश सिंह, डीपीएम पियुली मजूमदार सहित सहित स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ और विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं के प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786