गुरुग्राम में 8 बांग्लादेशी दबोचे, फर्जी दस्तावेज मिले; 200 संदिग्धों की तलाश

गुरुग्राम 

गुरुग्राम में पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की जांच के दौरान आठ बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इन लोगों ने जो भारतीय दस्तावेज दिखाए, वे जांच में फर्जी पाए गए। अब इन्हें उनके देश वापस भेजने (डिपोर्ट करने) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

यह पूरा अभियान गृह मंत्रालय के आदेश पर चलाया जा रहा है, जिसमें पुलिस एक महीने से दस्तावेजों की जांच कर रही है। संदिग्धों को पकड़कर होल्डिंग सेंटर भेजा जा रहा है और उनके कागज संबंधित जिलों के डीएम और एसपी से वेरिफाई कराए जा रहे हैं।

जिनके दस्तावेज सही मिलते हैं, उन्हें छोड़ दिया जाता है, लेकिन जिनके फर्जी मिलते हैं, उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

यहां बनाएं होल्डिंग सेंटर

डिटेन किए गए संदिग्ध लोगों को रखने के लिए शहर में चार स्थानों पर विशेष होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं। पुलिस ने सेक्टर-40 के कम्युनिटी सेंटर में 40, सेक्टर-10 के कम्युनिटी सेंटर में 47, बादशाहपुर के कम्युनिटी सेंटर में 100 और मानेसर के कम्युनिटी सेंटर में 30 लोगों को डिटेन किया हुआ है।

 श्रमिकों की जांच की जा रही

पुलिस झुग्गी-झोपड़ियों, निर्माण स्थलों, घरेलू कामगारों, रेहड़ी-पटरी वालों और किराएदारों की पहचान कर रही है। इनके स्थायी निवास और मूल राज्य की जानकारी ली जा रही है, साथ ही यह जांचा जा रहा है कि वे कब से गुरुग्राम में रह रहे हैं और उनके पास कौन-कौन से दस्तावेज हैं।

 बंगलादेशी और रोहिंग्या होने का शक

जांच में सामने आया है कि कई बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों ने गुरुग्राम का स्थानीय पता देकर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवा लिए हैं। इनमें से अधिकांश ने किराए के मकानों का पता इस्तेमाल किया है। पुलिस ने मकान मालिकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे किराएदारों की पूरी जांच और पुलिस सत्यापन के बाद ही मकान किराए पर दें।

 अंडरग्राउंड हो रहे अवैध प्रवासी

डॉक्यूमेंट जांच के डर से कई अवैध प्रवासी अब अंडरग्राउंड हो गए हैं। वैध दस्तावेजों के अभाव में ये लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की तरफ जा रहे हैं या फिर दूसरे शहरों की तरफ रुख करने लगे हैं। अधिकांश ऐसे लोग झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी बस्तियों में रह रहे थे।

 डिटेन किए सभी संदिग्ध सुरक्षित

इस बारे में पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि इस अभियान से जिले में आपराधिक गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद है। पुलिस ने आठ बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है। डिटेन किए गए लोगों को सुरक्षित रखा गया है और उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित की गई है। किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हो रहा है।

 

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