अंबिकापुर में 12 घंटे मूसलाधार बारिश, रिकॉर्ड 172 मिमी बारिश से लोग बेहाल

अंबिकापुर

 मौसम विभाग के उत्तरी छत्तीसगढ़ में आरेंज अलर्ट का अनुमान सही साबित हुआ। संभाग मुख्यालय में अंबिकापुर में शनिवार रात साढ़े आठ बजे रविवार सुबह 7 बजे तक रिकॉर्ड 172 मिमी बारिश हुई है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। शहर के अधिकांश इलाकों में जल भराव की स्थिति निर्मित ही गई है।

हालात को देखते हुए निगम अमला पानी निकासी की व्यवस्था बनाने में जुटा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता बढ़ने के साथ सरगुजा संभाग के अधिकांश इलाकों में शनिवार रात से भारी बारिश हो रही है। लगातार बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है।

भारी बारिश के कारण सरगुजा जिले के ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर आवागमन भी बाधित है। इधर मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग में दो दिनों तक बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है। ऐसे में लोगों को खराब मौसम से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तरी छत्तीसगढ़ में ज्यादा ही मेहरबान है। सरगुजा संभाग में मानसून ने 17 जून के आसपास दस्तक दी। इसका प्रभाव व्यापक रहा और पूरे संभाग में लगभग तीन सप्ताह से भारी बारिश का क्रम जारी है। पूरे मानसून अवधि की 25 प्रतिशत बारिश जून माह में ही हो चुकी हूं।

लोगों से सावधानी की अपील
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मानसून को प्रभावी बनाने वाले सिस्टम के लगातार सक्रिय होते रहने से सरगुजा संभाग में बारिश से राहत नहीं मिल रही है। सरगुजा संभाग में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।

सिस्टम प्रभावी, बारिश से अभी राहत नहीं
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार वर्तमान में मानसून टूफ सामान्य स्थिति में है। एक चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी मध्यप्रदेश एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। अगले 24 घंटों के भीतर गांगेय पश्चिम बंगाल एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। एक ट्रफ उत्तर-पूर्वी अरब सागर से, उत्तर गुजरात, उत्तर मध्यप्रदेश, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड से होकर गंगीय पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। एक साथ बन रहे कई सिस्टम मानसून की गति को औऱ ऊर्जा देंगे। ऐसे में अगले दो तीन दिन तक बारिश से राहत की संभावना कम है।

सड़कें, मोहल्ले, कालोनी में जल भराव से परेशानी
शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण शहर की सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति और दयनीय हो गई है। गड्ढों से पटी इन सड़कों में बारिश का पानी भर गया है। ऐसे में आवागमन जोखिम भरा हो गया है। शहर की निचली बस्ती खासकर नमनाकला के फोकट पारा, झंझट पारा, बौरीपारा, महादेव गली, दर्रीपारा की कुछ बस्ती सहित खरसिया रोड स्थित कुंडला सिटी कालोनी में जल भराव से लोग परेशान हैं।

इधर वार्ड क्रमांक 20 चोरका कछार में जल भराव से मोहल्लेवासी परेशान हैं। यहां नाले का पानी निचली बस्ती तक पहुंच गया है। निकासी की समस्या के कारण कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है। रातभर लोग घरों से पानी निकालने में जुटे रहे। पानी निकासी के लिए निगम अमला और पार्षद सुबह से सक्रिय हैं।

लगातार मूसलाधार बारिश से अम्बिकापुर शहर को जलापूर्ति करने वाली बांकी नदी में वर्षों बाद बाढ़ आई है। नदी का पानी खैरबार सहित आसपास गांव की खेतों तक फैल गया है। इससे खेतों में लगाए गए धान के बीज और पौधे बह गए। अच्छी बारिश के कारण कई किसानों ने धान की रोपाई के लिए थरहा (नर्सरी) लगाया है, जो भारी बारिश और नदी की बाढ़ से बर्बाद हो गया है।

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