रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी हत्याकांड पर एक बार फिर भाजपा को बनाया निशाना उन्होंने कहा कि कल मैने जो सवाल किया था, उस पर एक भी भाजपा नेता का बयान अभी तक नहीं आया है. आज मेरा दूसरा सवाल है कि आत्मसमर्पण करने वाले गुडसा उसेंडी का बयान क्यों नहीं किया गया, जबकि एनआईए कोर्ट ने आदेश दिया था. आखिर किसके दबाव में एनआईए है.
गणपति ने आत्मसमर्पण किया
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दूसरी बात गणपति और गुडसा उसेंडी दोनों नक्सलियों का पोस्ट है. किसी व्यक्ति का नाम नहीं है. क्या गणपति ने आत्मसमर्पण किया है. उस व्यक्ति का नाम क्या है. यदि आत्मसमर्पण किया है तो कहां पर किया है. आत्मसमर्पण किए हुए नक्सलियों को नक्सल नीति के तहत लाभ दिया गया है, या नहीं दिया गया है. आज मेरे ये 2 सवाल है. भाजपा मुझसे बार-बार प्रमाण का सवाल करती है. आज मैं प्रमाण दे रहा हूं. अब भारतीय जनता पार्टी बताए. अभी तक ईडी के प्रवक्ता बने हुए थे. अब NIA के भी प्रवक्ता बने. GST क्षतिपूर्ति जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी. जब योजनाओं में बराबर पैसा लिया जा रहा है, तो उन योजनाओं पर सिर्फ़ केंद्र का नाम क्यों सबको बराबर नाम होना चाहिए.संसद को हंगामे को लेकर कहा कि विधानसभा का शिलान्यास किए न कि उद्घाटन, उसमें विपक्ष भी शामिल हुआ था. यहां बातचीत करके तय हुआ, वहां तो पूछा नहीं गया. दिल्ली में दिक़्क़त है. किसी से कुछ पूछना ही नहीं है.
शराब घोटाले पर मुख्यमंत्री ने कहा
शराब घोटाले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब मामले पर कोई एफआईआर नहीं है, केवल आईटी के 2020 के रेड पर कार्रवाई हो रही है, उन्हीं डिस्टलर्स से ईडी पूछताछ कर रही है. अब मारपीट कर रही है. पप्पू ढिल्लन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए. उसने लोन लिया था, ऑन पेपर है. उसे गिरफ्तार कर दिए. लेकिन डिस्टलर्स, जिसके पास करोड़ो रुपए के जहर पकड़े जाते हैं, उन्हें गवाह बनाया जाता है. लाभ की स्थिति में डिस्टलर्स है, पर डिस्टलर्स सब गवाह बने है. ईडी की सभी कार्रवाई प्रश्नवाचक है. ईडी दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है.