नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने के लिए लोक सभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने जनहित खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नई संसद का उद्घाटन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने कहा, हम जानते हैं कि ये याचिका क्यों दायर की गई है? आप इस बात के आभारी रहें कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने ये जनहित याचिका दाखिल की थी। उन्होंने याचिका में कहा था, उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। याचिका में कहा गया था कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।