खाद्य तेलों की कीमतों में वैश्विक स्तर पर आई गिरावट से इनकी कीमतें अब कोरोना काल के पहले के स्तर पर पहुंच गई है। तीन माह पहले तक 140 रुपये लीटर में बिकने वाला खाद्य तेल इन दिनों 110 रुपये लीटर में बिक रहा है। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान सप्लाई प्रभावित होने और मांग में बढ़ोतरी से खाद्य तेलों की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई थी।
इन दिनों होलसेल बाजार में फल्ली तेल रिफाइन 2775 रुपये, पामोलीन 1600 रुपये, सोयाबीन 1700 रुपये, गोल्ड लाइन 1700 रुपये, सरसों तेल (लाल गुलाब) 2060 रुपये प्रति टिन बिक रहा है। वहीं चिल्हर में जो खाद्य तेल 140 से 150 रुपये लीटर बिक रहे थे, अभी उनकी कीमत 110 रुपये लीटर पहुंच गई है। यहां तक कि 200 रुपये लीटर तक पहुंच चुके खाद्य तेलों के दाम भी 170-175 रुपये लीटर हो गए है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और गिरावट आ सकती है। कारोबारी मनीष राठौड़ ने बताया कि अभी खाद्य तेलों की कीमतें कोरोना काल के पहले के स्तर पर पहुंच गई है। सितंबर 2019 के दौरान खाद्य तेलों की कीमतें इस स्तर पर थी। उन्होंने अभी खाद्य तेलों की मांग भी बढ़ने लगी है।
गिरावट के ये है कारण
1. कच्चे सोयाबीन और सनफ्लावर तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट है। साथ ही इन पर एग्री इंफ्रा सेस भी नहीं लगेगा।
2. वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों के दाम कम हुए है।
दालें और शक्कर में तेजी
खाद्य तेलों की कीमतों में जहां गिरावट है, वहीं शक्कर और दालों की कीमतों में तेजी बनी हुई है। चिल्हर बाजार में दालें इन दिनों 110 रुपये किलो से लेकर 140 रुपये किलो तक पहुंच गई है। वहीं शक्कर भी 41 से 42 रुपये किलो बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि दालों की आवक थोड़ी प्रभावित हुई है और उसकी तुलना में मांग ज्यादा है।