नहीं बढ़ेंगे खाद के दाम, मोदी सरकार ने दिया किसानों को तोहफा

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए खाद (Fertilizer) के दाम नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। क‍िसानों को अब खरीफ सीजन में भी पुराने रेट पर ही यूर‍िया, डीएपी, एनपीके और एमओपी उर्वरक खाद उपलब्ध मिलती रहेगी। सरकार खरीफ सीजन 2023 के ल‍िए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्स‍िडी देगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस उर्वरक सब्स‍िडी को मंज़ूरी दे दी है। इसमें 70,000 करोड़ रुपये की सब्स‍िडी यूर‍िया और 38,000 करोड़ रुपये DAP पर दी जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के बावजूद सरकार ने कभी क‍िसानों पर उसका बोझ नहीं पड़ने द‍िया। इसील‍िए प‍िछले साल उर्वरक सब्स‍िडी र‍िकॉर्ड 2 लाख 54 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।

इस साल इंटरनेशनल मार्केट में खाद के दाम कम हैं। ज‍िसकी वजह से सब्स‍िडी कुछ कम हो सकती है। हालांक‍ि दाम बढ़ने पर सरकार सब्स‍िडी बढ़ाकर उसका असर क‍िसानों पर नहीं आने देगी। ऐसा भरोसा द‍िलाया गया है। पहले मुश्क‍िल से उर्वरक सब्स‍िडी 1.25 करोड़ रुपये थी। लेक‍िन, प‍िछले साल पूरी दुन‍िया में खाद की कीमत बढ़ी इसल‍िए सब्स‍िडी बढ़ानी पड़ी। लेक‍िन केंद्र ने बढ़े दाम पर असर क‍िसानों पर नहीं आने द‍िया।

प्रत‍ि क‍िसान इतनी दी जाती है खाद पर सब्स‍िडी

द‍िलचस्प बात यह है क‍ि सरकार ने पहली बार बताया है क‍ि वो उर्वरक सब्स‍िडी पर प्रत‍ि क‍िसान और प्रत‍ि हेक्टेयर क‍ितना खर्च कर रही है। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडव‍िया ने बताया क‍ि देश में 12 करोड़ क‍िसान हैं। हमने सब्स‍िडी का ह‍िसाब-क‍िताब लगाया है। ज‍िससे पता चला है क‍ि केंद्र सरकार प्रत‍ि क‍िसान 21,233 रुपये की सब्स‍िडी दे रही है। अगर जमीन के ह‍िसाब से बात करें तो प्रत‍ि हेक्टेयर यह 8909 रुपये बनता है।

इतनी होती है खाद खपत

उर्वरक मंत्री ने बताया क‍ि देश में सालाना करीब 350 लाख मीट्र‍िक टन यूर‍िया और 125 लाख मीट्र‍िक टन डीएपी की खपत होती है। इसी तरह लगभग 125 लाख मीट्र‍िक टन NPK और 50 लाख (म्यूरेट ऑफ पोटाश) की जरूरत पड़ती है। यह रबी और खरीफ दोनों सीजन की मांग है।

1 अप्रैल से स‍ितंबर तक खरीफ सीजन और अक्टूबर से मार्च तक रबी सीजन होता है। सरकार की कोश‍िश है क‍ि इस क‍िसानों पर दाम का बोझ न पड़े।

साल भर नहीं बदलेंगे उर्वरकों के भाव

मनसुख मांडव‍िया ने बताया कि अब मार्च 2024 तक उर्वरकों की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि अभी यूरिया की कीमत 276 रुपये प्रति बोरी है, जबकि डीएपी 1,350 रुपये प्रति बोरी पर बिक रही है। उर्वरक सब्सिडी से करीब 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने का अनुमान है।

खरीफ सीजन के ल‍िए खाद का पर्याप्त स्टॉक

मनसुख मांडव‍िया ने बताया क‍ि सरकार के पास खरीफ सीजन की मांग पूरी करने के ल‍िए उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक है। इसल‍िए क‍िसानों को च‍िंता करने की जरूरत नहीं है। इस समय 75 लाख मीट्र‍िक टन यूर‍िया, 36 लाख टन डीएपी और 45 लाख टन एनपीके, एमओपी उपलब्ध‍ है। इस तरह 150 लाख मीट्र‍िक टन से अध‍िक उर्वरक अभी उपलब्ध है।

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