एमपी के 10 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर्स(MP DOCTORS) आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 13 सरकारी(MP DOCTORS) मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाई देगा। इसके कारण गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज ज्यादा परेशान होंगे।
हालांकि हड़ताल खत्म करने के लिए मंगलवार को सरकार जुटी रही। रात करीब 8 बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर बैठक हुई। करीब एक घंटे चली बैठक में भी कोई सहमति नहीं बन पाई।
केन्द्र के समान डीएसीपी लागू कराने की मांग
डॉक्टर्स ने मंत्रियों को साफ कहा कि केन्द्र के समान डीएसीपी लागू कराने की मांग की है। यदि सरकार निर्णय नहीं लेती है, तो हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। मंत्री ने कहा कि कमेटी से एक-दो मीटिंग और कर लेते हैं, इसके बाद फैसला लेंगे। इस पर डॉक्टर्स ने कहा कि बैठक करते-करते तो चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। यह कहकर डॉक्टर बाहर निकल आए।
डॉक्टर्स की मांगें
केंद्र, बिहार और अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के डॉक्टर्स के लिए DACP योजना का प्रावधान
स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं ईएसआई की वर्षों से लंबित विभागीय विसंगतियां दूर हों
चिकित्सकीय विभागों में तकनीकी विषयों पर प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप दूर किया जाए
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (MBBS) की MPPSC के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति / चयन प्रक्रिया में प्रतिशत परिधि को समाप्त कर संशोधन किया जाए
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के ग्रेजुएशन के बाद ग्रामीण सेवा बॉन्ड राशि और ट्यूशन फीस जो कि देश में सर्वाधिक है, को कम किया जाए।
विभाग में कार्यरत समस्त बंधपत्र डॉक्टर्स का वेतन समकक्ष संविदा डॉक्टर्स के समान किया जाए।
DACP क्या है
डीएसीपी के जरिए डॉक्टर्स की समय-समय पर पदोन्नति होती है। वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में बेहतर अवसर मिलते हैं। ये पॉलिसी साल 2008 के बाद कई राज्यों में लागू हो चुकी है, जबकि, 14 साल के बाद भी मध्य प्रदेश में इसे लागू नहीं किया गया है। इससे डॉक्टर्स में नाराजगी है।