नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क आई मादा चीता की मौत, कई दिनों से बीमार थी शाशा

मध्य प्रदेश। श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में सोमवार को एक चीते की मौत हो गई। नामीबिया से लाई गई मादा चीता शाशा कई दिनों से बीमार थी। किडनी खराब होने से सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई है।

भारत में 70 साल बाद चीतों को बसाने के प्रोजेक्ट चीता के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को रिलीज किया था। इन चीतों को पहले तो एक से डेढ़ महीने तक छोटे क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया। वहां उन्हें भैंसे का मीट खिलाया गया। फिर एक-एक कर इन चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया, जहां उनके खाने के लिए चीतल जैसे जानवरों को छोड़ा गया था। इन्हीं में शाशा की तबीयत बिगड़ी थी। उसे किडनी में इन्फेक्शन हो गया था। शाशा लंबे समय से बीमार थी।

जनवरी में हुई थी बीमार

मादा चीता शाशा को 22-23 जनवरी को बीमार होने के लक्षण पता चले थे। इसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया। शाशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तीन डॉक्टर और भोपाल से भी मेडिकल डॉक्टरों की टीम उसे देखने पहुंची थी। उस समय शाशा की जांच रिपोर्ट के आधार पर दुनिया में चीतों के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन टोरडीफ के परामर्श से इलाज चल रहा था।

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