एक करोड़ तीस लाख का बस्तर वनमंडल में घोटाला , सीईओ कैम्पा की जांच से मचा हड़कंप

सीईओ कैम्पा की जांच से मचा हड़कंप
डीएफओ के वित्तीय अधिकार छीने गए
डीएफओ के साथ तीन एसडीओ और नौ रेंजर भी पाए गए दोषी

जगदलपुर। बस्तर वनमंडल में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।यह घोटाला कैम्पा मद में किया गया है जहां एक करोड़ तीस लाख चौंसठ हज़ार एक सौ नवासी रुपये के फर्जी बिलों का समायोजन कर सरकार की तिजोरी में सेंध लगाई गई है।पूरा मामला अक्टूबर 2022 और जनवरी 2023 के बस्तर वन मंडल के प्रमाणकों की जांच के बाद सामने आया है।जांच में पाया गया कि एनुअल प्लान ऑफ ऑपरेशंस अर्थात एपीओ वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में वृक्षारोपण मद की अवशेष राशि को वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीधे वनमण्डलाधिकारी के स्तर पर खर्च कर गंभीर अनियमितता बरती गई है।बीते वर्षों की बचत राशि को खर्च ना करने राज्य कैम्पा के जारी दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए इन दोनों महीनों में एक करोड़ तीस लाख रुपये से भी ज़्यादा का भुगतान कर दिया गया है जो कि गंभीर आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है।ये पूरा भुगतान सोनतराई मल्टी स्टेट एग्रो कारपोरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जुड़ा हुआ है।इस फर्म को वृक्षारोपण,बिगड़े वनों का सुधार ,एएनआर क्षेत्र में रासायनिक खाद ,ग्रोथ हार्मोन्स एवं क्लोरोपायरीफॉस रासायनिक खाद के बदले भुगतान करना बताया गया है ।वृक्षारोपण के दसवें वर्ष और बिगड़े वनों के सुधार जैसे कार्यों के नाम पर इन सामग्रियों की अव्यवहारिक और संदेहास्पद खरीदी पर नज़र पड़ते ही विभाग के उच्चाधिकारियों को इस भुगतान पर शक हुआ।तत्पश्चात डीएफओ से इन दोनो महीनों के मासिक लेखा मंगवाये गये। मासिक लेखा के फार्म 7 एवं फार्म 14 में की गई कई प्रविष्टियां आपस मे मेल नहीं खा रहीं थी जिसकी वजह से शक और गहरा गया।प्रारंभिक जांच में पाया गया कि बिना किसी सक्षम स्वीकृति के इतनी बड़ी राशि का खर्च किया जाना सीधे सीधे एक बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है।राज्य कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही श्रीनिवास ने इस पूरे मामले में बस्तर वनमंडल के वनमंडलाधिकारी दिलेश्वर साहू ,तीन उपवनमंडलाधिकारी ,नौं रेंज अफसर और कैम्पा प्रभारी सहायक ग्रेड -2 दिव्य कुमार दानी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है।

अक्टूबर और जनवरी में किया गया घोटाला

अक्टूबर 2022 में 66,89,228 रुपये तथा जनवरी 2023 में 63,74,961 रुपये के किये गए व्यय को संदिग्ध मानते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया था।तत्पश्चात कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव ने मामले की जांच की और कई गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि करते हुए वनमंडलाधिकारी दिलेश्वर साहू से कैम्पा कार्यों से संबंधित भुगतान आहरण एवं संवितरण का अधिकार छीन लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
छत्तीसगढ़ राज्य में वनविभाग का यह अकेला ऐसा मामला है जिसमे एक ही वनमंडल के डीएफओ से लेकर लिपिक तक एक साथ 14 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के इतने बड़े और गंभीर आरोप लगे हैं।

प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उनके अनुसार पूर्व के वर्षों की बचत राशि मे से दो महीनों में 1,30,64,189 रुपये बगैर सक्षम अनुमति के सीधे डीएफओ द्वारा खर्च किये गए हैं।इस पूरी राशि का 98 प्रतिशत हिस्सा एक ही फर्म को उन सामग्रियों की खरीदी के बदले भुगतान किया गया जिन सामग्रियों की वर्तमान में आवश्यकता ही नहीं थी।
मासिक लेखा के फार्म-14 में कई मदों में व्यय राशि निरंक लिखी गई जबकि गोशवारा फार्म -7 में उन्ही मदों में खर्च करना बताया गया है।
सामग्री क्रय में भंडार क्रय नियमो का पालन नही किया गया है।एक ही तिथि के अनेकों बिलों को एकजाई करते हुए 3.00 लाख से 10.00 लाख रुपये तथा उससे भी अधिक राशि के वाउचर बनाये गए हैं।
प्रमाणकों के साथ संलग्न बिलों में उप वनमंडलाधिकारी का सत्यापन नहीं है।मात्र परिक्षेत्र अधिकारियों के हस्ताक्षर एवं सील हैं। बिलों को सत्यापित नहीं किया गया है और ना ही उन्हें स्टोर पंजी में दर्ज किया गया है।
मासिक लेखा में चार्ज किये गए प्रमाणकों में सभी रेंजरों और सभी एसडीओ के प्रति हस्ताक्षर पाए जाने और कैम्पा शाखा के प्रभारी लिपिक द्वारा कैम्पा के दिशा निर्देशों की अवहेलना करने पर इन सभी को इस घोटाले का सहभागी माना गया है।विभागीय सूत्रों का कहना है कि आने वाले दो चार दिनों में इन सभी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई संभव है सभी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की भी संभावना उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने व्यक्त की है।

दिव्या गौतम को दिए वित्तीय अधिकार-मुख्य वन संरक्षक

जगदलपुर वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने कहा कि मामले पर आगे कार्रवाई की जा रही है।आगामी दो चार दिनों में परिस्थितियां साफ हो सकेंगी।ऊपर से मिले आदेशों के तहत बस्तर वनमंडल के वनमण्डलाधिकारी दिलेश्वर साहू से कैम्पा संबंधी समस्त वित्तीय अधिकार वापस ले लिए गए हैं।एक अन्य आईएफएस अधिकारी दिव्या गौतम को अब कैम्पा के कार्यों से संबंधित भुगतान हेतु आहरण और संवितरण की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है

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