बच्चों का भविष्य चौपट : शिक्षकों की बड़ी लापरवाही, महीने में सिर्फ 15 दिन लगते है स्कूल

नारायणपुर। शासन द्वारा अंदरुनी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा दिलाने की तमाम कोशिशों के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही नजर आ रहा है। शासकीय शिक्षकों की लापरवाही से अंदरूनी क्षेत्रों में बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। ऐसे ही हालात ओरछा ब्लॉक के ग्राम टाहकाडोण्ड के प्राथमिक शाला का है

प्राथमिक शाला टाहकाडोण्ड स्कूल भगवान भरोसे है, स्कूल सोमवार से गुरुवार तक बंद है। शासकीय प्राथमिक शाला टाहकाडोण्ड स्कूल मे एक शिक्षक और एक शिक्षिका होने के बावजूद सोमवार से गुरुवार तक स्कूल बंद है, शिक्षक घर बैठे ले रहे हैं वेतन।

ग्रामीणों ने बताया सोमवार से गुरुवार तक शिक्षक एक भी दिन स्कूल नहीं आए, जिससे हमारे नव निहाल बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। बच्चों का भविष्य बढ़ाने वाले शिक्षक ही रहते हैं नदारद। जिले के ओरछा ब्लॉक की स्कूलों में पढ़ाई का स्तर किस कदर है यह तो प्राथमिक शाला टाहकाडोण्ड से लगाया जा सकता है। शिक्षा के मंदिर में जहां पढ़ने के लिए बच्चे स्कूल आते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक ही स्कूल से नदारद रहते हैं ।

ओरछा ब्लॉक के प्राथमिक शाला टाहकाडोण्ड में तीसरी से पांचवी तक के बच्चों को अपना नाम लिखने तक नही आता, प्राथमिक स्कूल में कहने को तो एक शिक्षक और एक शिक्षिका पदस्थ है, और दोनों पति पत्नी है।

ग्रामीणो के बताए अनुसार जब मिडिया की टीम स्कूल टाईम के दौरान वहां पहुंचे तो पाठशाला से शिक्षक मंगलराम सलाम और सोनी सलाम दोनों ही नदारद मिले और दोनों पति और पत्नी एक ही स्कूल मे पदस्थ है। वैसे तो यहां की प्राथमिक स्कूल में 10 से 11छात्र-छात्राएं अध्यन्नरत है।

लेकिन स्कूल के पास रहने वाले ग्रामीण बताते हैं कि,महिना मे 10 से 15 दिन ही स्कूल लगता है ,बाकी के 15 दिन स्कूल बंद रहता है। ना किसी बच्चे के पास पेंसिल है और ना ही स्लैट पट्टी है,तीसरी से पांचवी पढ़ रहे बच्चे को नाम तक लिखने नहीं आता और ग्रामीणों ने बताया मध्यान भोजन भी कभी नहीं बनता , अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

शिक्षक और विभागीय अधिकारियों के साठगांठ से ही स्कूल संचालित होता है, ना संकुल समन्वयक निरिक्षण करते हैं, ना उच्च अधिकारियों का दौरा होता है, जिससे मंगल सलाम जैसे लापरवाह शिक्षक अपने मनमानी रवैये से बाज नहीं आते,और बेखौफ होकर वनांचल क्षेत्रों में बसे छोटे छोटे बच्चों का भविष्य बर्बाद करने की लापरवाही को अंजाम देते रहते हैं,ऐसे में ओरछा ब्लॉक के शिक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है।

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