राजधानी के नए मास्टर प्लान में 1452 आपत्तियां दर्ज कराई गई है। इन आपत्तियों पर सुनवाई 24 जनवरी से शुरू होगी। विकास योजना समिति के सदस्य कलेक्टोरेट में सुबह 11 बजे से आपत्तियों पर सुनवाई करेंगे। आपत्तिकर्ताओं को पहले ही बता दिया गया है कि उन्हें प्रमाणों यानी दस्तावेजों के साथ सुनवाई में पहुंचना है। किस जमीन के किस खसरा नंबर पर किस तरह की आपत्ति है इसकी जानकारी विस्तार से देनी होगी। आपत्तिकर्ताओं को अलग-अलग दिनों में क्षेत्र के अनुसार बुलाया जा रहा है। इसकी सूचना उन्हें पहले ही दी जा चुकी है।
रायपुर के नए मास्टर प्लान में सबसे ज्यादा आपत्ति आउटर के एरिया में की गई है। लोगों का कहना है कि इस बड़े एरिया की जमीन को ग्रीन जोन बना दिया गया है। इसमें कुछ राहत दी जानी चाहिए। जिससे आउटर की जमीन पर नए आवासीय प्रोजेक्ट शुरू हो सके। छत्तीसगढ़ क्रेडाई ने भी ऐसे क्षेत्र पर आपत्ति दर्ज कराई है। आपत्तिकर्ताओं में संगठनों की संख्या कम है। ज्यादातर आपत्तियां व्यक्तिगत तौर पर की गई है। इसलिए लोगों से कहा गया है कि वे शासकीय दस्तावेजों के साथ ही सुनवाई के लिए पहुंचे।
पिछली बार 4500 से ज्यादा आपत्तियां थीं
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों का कहना है कि पिछले मास्टर प्लान की तुलना में इस बार आपत्तियां कम हैं। 2011 में जब मास्टर प्लान बना था तब 4500 से ज्यादा आपत्तियां मिली थी। लेकिन इस बार 1452 आपत्तियां ही मिली हैं। अफसरों का दावा है कि फील्ड वर्क करने के बाद प्लान बनाया गया है। इस वजह से आपत्तियां कम हैं। इन आपत्तियों में भी दर्जनों आपत्तियां ऐसी हैं जो एक ही जगह को लेकर हैं। यानी अलग-अलग लोगों ने एक ही जगह पर आपत्ति दर्ज की है। ऐसे में आपत्तियों की संख्या और कम हो जाती है। जल्द ही पूरी आपत्तियों में सुनवाई का काम पूरा हो जाएगा।