नए साल पर व्यवसायियों को तोहफा, आसान होगी खानपान से संबंधित लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

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नए साल पर उपराज्यपाल ने व्यवसायियों को तोहफा दिया है। दिल्ली में अब खानपान से संबंधित लाइसेंस लेने की प्रक्रिया आसान होगी। 49 दिनों में इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। 28 तरह के दस्तावेज भी नहीं देने पड़ेंगे। फाइव स्टार व थ्री स्टार होटलों में देर रात तक जाम छलकाने की आजादी होगी। भोजनालय, रेस्तरां, गेस्ट हाउस और होटल की लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। फाइव व थ्री स्टार होटल के रेस्तरां व बार में देर रात दो बजे और अन्य सभी रेस्तरां व बार देर रात 1 बजे तक खुले रहेंगे। इससे नाइट कल्चर को बढ़ावा मिलेगा और लाइसेंस की प्रक्रिया आसान होगी। इसके लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश जारी कर दिया है।

लाइसेंस में ऑनलाइन और फेसलेस पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी मिलेगा। यह कदम उपराज्यपाल ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुनिश्चित करने के लिए उठाया है ताकि ‘नाइट टाइम इकोनॉमी’ को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके। फाइव स्टार व फोर स्टार होटल में सभी रेस्तरां (जो हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी परिसर के भीतर होंगे) को भुगतान के बाद सातों दिन चौबीस घंटे के आधार पर काम करने की अनुमति दी जाएगी। होटलों को एक से अधिक शराब के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेने होंगे। होटल परिसर में शराब परोसने वाले रेस्तरां/बार पर लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना होगा। 

कई एजेंसियां जिसमें एमसीडी, दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस और डीपीसीसी शामिल हैं वह वित्तीय वर्ष के अनुसार काम करेंगी। 31 मार्च को समाप्त होने वाला समकालिक वित्तीय वर्ष में ही लाइसेंस/एनओसी जारी करना होगा। लाइसेंस वाले 21 पेज वाले फार्म को कम कर 9 पृष्ठ वाला किया गया है। लाइसेंस प्रदान करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। दिल्ली में नए लाइसेंस प्रदान करने का औसत समय 3 वर्ष अभी तक था। आवेदन के लिए प्रोसेसिंग फीस 1,000 रुपये जमा करनी होगी। ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा किया जा सकेगा। इन दस्तावेज की जांच 10 दिनों में पूरा करने की बाध्यता होगी। कमी दूर करने का समय 15 दिनों का मिलेगा।

उपराज्यपाल का निर्णय वर्ल्ड क्लास सिटी बनने के लिए पहला कदम है। इससे भ्रष्टाचार पर तो लगाम लगेगी ही, साथ ही दिल्ली के लोगों को भी सुविधा मिलेगी। पिछले दिनों ही उपराज्यपाल से जब मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री का भी सपना है कि होटल इंडस्ट्री के व्यवधानों को दूर किया जाए। लाइसेंसिंग में आने वाली परेशानियां खत्म होनी चाहिए।  
-मोहित शाह, महासचिव, दिल्ली होटल एंड रेस्तरां ऑनर एसोसिएशन

उपराज्यपाल का निर्णय सराहनीय है। इससे सबको फायदा होगा। बेहद ही सकारात्मक पहल है। इससे थमी हुई दिल्ली को रफ्तार मिलेगी। लोग अपने घर से निकलकर अच्छे रेस्तरां, बार, होटल में बेहतर खाना खा सकेंगे। पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। लाइसेंस के लिए लोगों को कई एजेंसियों के उलझन से निजात मिलेगी।    कोई भी व्यापारी लाइसेंस की प्रक्रिया में ही इतना उलझ जाता है कि वह व्यापार से ही दूरी बना लेता है। 
-संदीप खुराना, अध्यक्ष, साउथ दिल्ली होटल एसोसिएशन

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नए साल पर उपराज्यपाल ने व्यवसायियों को तोहफा दिया है। दिल्ली में अब खानपान से संबंधित लाइसेंस लेने की प्रक्रिया आसान होगी। 49 दिनों में इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। 28 तरह के दस्तावेज भी नहीं देने पड़ेंगे। फाइव स्टार व थ्री स्टार होटलों में देर रात तक जाम छलकाने की आजादी होगी। भोजनालय, रेस्तरां, गेस्ट हाउस और होटल की लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। फाइव व थ्री स्टार होटल के रेस्तरां व बार में देर रात दो बजे और अन्य सभी रेस्तरां व बार देर रात 1 बजे तक खुले रहेंगे। इससे नाइट कल्चर को बढ़ावा मिलेगा और लाइसेंस की प्रक्रिया आसान होगी। इसके लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश जारी कर दिया है।

लाइसेंस में ऑनलाइन और फेसलेस पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी मिलेगा। यह कदम उपराज्यपाल ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुनिश्चित करने के लिए उठाया है ताकि ‘नाइट टाइम इकोनॉमी’ को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके। फाइव स्टार व फोर स्टार होटल में सभी रेस्तरां (जो हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी परिसर के भीतर होंगे) को भुगतान के बाद सातों दिन चौबीस घंटे के आधार पर काम करने की अनुमति दी जाएगी। होटलों को एक से अधिक शराब के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेने होंगे। होटल परिसर में शराब परोसने वाले रेस्तरां/बार पर लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना होगा। 

कई एजेंसियां जिसमें एमसीडी, दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस और डीपीसीसी शामिल हैं वह वित्तीय वर्ष के अनुसार काम करेंगी। 31 मार्च को समाप्त होने वाला समकालिक वित्तीय वर्ष में ही लाइसेंस/एनओसी जारी करना होगा। लाइसेंस वाले 21 पेज वाले फार्म को कम कर 9 पृष्ठ वाला किया गया है। लाइसेंस प्रदान करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। दिल्ली में नए लाइसेंस प्रदान करने का औसत समय 3 वर्ष अभी तक था। आवेदन के लिए प्रोसेसिंग फीस 1,000 रुपये जमा करनी होगी। ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा किया जा सकेगा। इन दस्तावेज की जांच 10 दिनों में पूरा करने की बाध्यता होगी। कमी दूर करने का समय 15 दिनों का मिलेगा।

उपराज्यपाल का निर्णय वर्ल्ड क्लास सिटी बनने के लिए पहला कदम है। इससे भ्रष्टाचार पर तो लगाम लगेगी ही, साथ ही दिल्ली के लोगों को भी सुविधा मिलेगी। पिछले दिनों ही उपराज्यपाल से जब मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री का भी सपना है कि होटल इंडस्ट्री के व्यवधानों को दूर किया जाए। लाइसेंसिंग में आने वाली परेशानियां खत्म होनी चाहिए।  

-मोहित शाह, महासचिव, दिल्ली होटल एंड रेस्तरां ऑनर एसोसिएशन

उपराज्यपाल का निर्णय सराहनीय है। इससे सबको फायदा होगा। बेहद ही सकारात्मक पहल है। इससे थमी हुई दिल्ली को रफ्तार मिलेगी। लोग अपने घर से निकलकर अच्छे रेस्तरां, बार, होटल में बेहतर खाना खा सकेंगे। पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। लाइसेंस के लिए लोगों को कई एजेंसियों के उलझन से निजात मिलेगी।    कोई भी व्यापारी लाइसेंस की प्रक्रिया में ही इतना उलझ जाता है कि वह व्यापार से ही दूरी बना लेता है। 

-संदीप खुराना, अध्यक्ष, साउथ दिल्ली होटल एसोसिएशन

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